Friday 14 September 2012

क्यूँ करते हो मुझसे प्यार

क्यूँ करते हो मुझसे प्यार

इतनी शिद्दत से

क्यूँ करते हो मेरा इंतज़ार

इतने मुद्दत से

मैं तो

आसमान में उड़ने वाला बादल हूँ

आज यहाँ बरस कर

चला जाऊँगा

या फिर

आँखों में लगा हुआ काजल हूँ

अश्कों की बारिश में

बह जाऊँगा

क्या होगा

मुझसे नेह लगा कर

मेरे पास आकर

मुझसे स्नेह बढ़ा कर

मैं कब रुका हूँ

जो अब रुक पाऊँगा

बारिश बन कर

तेरे आँगन में बरस जाऊँगा

या अश्कों के साथ बह कर

तेरी आँखों को तरस जाऊँगा

इसलिए कहता हूँ

मुझको अपनी चाहतों से

दूर रखो तुम

दर्द सहने को खुद को ना

मजबूर करो तुम

मैं बादल हूँ

उड़ कर आऊंगा

तुम्हारे पास

या फिर तुम्हारी

आँखों का काजल बन कर

कुछ पल रहूँगा

तुम्हारे पास

बस वही पल दो पल होंगे

हमारे पास

उसी में मिटानी होगी हमें

जनम-जनम की प्यास





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