Thursday 29 May 2014

तेरे अरमान

मैंने देखा है

तेरे अरमानों को

तेरी आँखों से छलकते हुए

मैंने देखा है

तेरे अरमानों को

तेरी साँसों में महकते हुए

मैंने देखा है

तेरे अरमानों को

तेरी अंगड़ाईयों में मचलते हुए

मैंने देखा है

तेरे अरमानों को

तेरी धड़कनों में धड़कते हुए

अब ये हसरत है मेरी

कि देखूं तेरे अरमानों को

मेरी हसरतों में खिलते हुए 

Tuesday 20 May 2014

फासले

फासले यूँ भी न बढ़ा

इन दिलों के बीच

कि लौट कर

आ ना सकें हम कभी

इन दायरों में बंध कर

अब कहाँ गुज़र पाएगी

यह ज़िन्दगी

यूँ जीने के बाद

घुट घुट कर मर जायेगी

यह ज़िन्दगी

यूँ जीने के बाद