जाने कहाँ गए वो दिन
मेरी कविताओं का संग्रह ©
Tuesday, 11 September 2012
दोस्त
बदौलत तेरी रहमत ए मेरे मौला
पाई है वो दौलत मैंने ए मेरे मौला
कहते हैं दोस्त जिसे इस जहाँ में
बने हैं वो मेरी ताकत ए मेरे मौला
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