आज तुम नहीं थे मेरे पास
तुम्हारी याद मुझे बहुत सता रही थी
मैंने बटुए से तुम्हारी तस्वीर निकाली
घंटों निहारता रहा उसे
आज कितने दिनों बाद
तुम्हारी तस्वीर देखने का मौका मिला
तुम कितनी खूबसूरत हो
साथ रहते रहते
मैं ये शायद भूल गया था
तुम्हें सामने देखते देखते
मेरी आँखें
जैसे अभ्यस्त सी हो गयीं थीं
तुम्हारे चेहरे से
रोज़ की आपा धापी में
तुम्हारी खूबसूरती को
निहारने का कभी वक्त ही नहीं मिला
आज जब तुम पास नहीं हो
तो मुझे ये अनायास ही बोध हुआ
तुम सच में बहुत खूबसूरत हो
तुम्हारी याद मुझे बहुत सता रही थी
मैंने बटुए से तुम्हारी तस्वीर निकाली
घंटों निहारता रहा उसे
आज कितने दिनों बाद
तुम्हारी तस्वीर देखने का मौका मिला
तुम कितनी खूबसूरत हो
साथ रहते रहते
मैं ये शायद भूल गया था
तुम्हें सामने देखते देखते
मेरी आँखें
जैसे अभ्यस्त सी हो गयीं थीं
तुम्हारे चेहरे से
रोज़ की आपा धापी में
तुम्हारी खूबसूरती को
निहारने का कभी वक्त ही नहीं मिला
आज जब तुम पास नहीं हो
तो मुझे ये अनायास ही बोध हुआ
तुम सच में बहुत खूबसूरत हो
hmmmm :)
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