जाने कहाँ गए वो दिन
मेरी कविताओं का संग्रह ©
Thursday, 6 September 2012
भींगी आँखें
भींगी भींगी रातें हैं
भींगी भींगी बातें हैं
भींगी भींगी यादें हैं
भींगे भींगे वादें हैं
जाने क्या रिश्ता है
इनका मेरी नम आँखों से
नम होती हैं आँखें मेरी
जाने कैसे ये भींग जाते हैं
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