ज़िन्दगी के
कुछ क़र्ज़ थे चुकाने
सो
आज मैंने अपने कुछ सपने
बेच दिए
उनको
जो थे तो जाने पहचाने
पर
मेरे दर्द से बिलकुल अनजाने
शायद
मेरे सपनों से
उनके क़र्ज़ का बोझ
कुछ हल्का हो जाये
मैं भी चैन से जी सकूं
उनका दिल भी सुकून पाए
कुछ क़र्ज़ थे चुकाने
सो
आज मैंने अपने कुछ सपने
बेच दिए
उनको
जो थे तो जाने पहचाने
पर
मेरे दर्द से बिलकुल अनजाने
शायद
मेरे सपनों से
उनके क़र्ज़ का बोझ
कुछ हल्का हो जाये
मैं भी चैन से जी सकूं
उनका दिल भी सुकून पाए
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