आज आसमान से
कुछ काले बादल चुरा लाया हूँ
कोई देख ना ले
इन्हें सबसे छुपा कर लाया हूँ
कोई पिटारी मिले
तो इन्हें सम्हाल लूं
अबकी तपती गर्मी में
जब कहीं कोई खेत सुखा होगा
या कहीं कोई प्यासा होगा
तब खोलूँगा पिटारी अपनी
और निकालूँगा
इन काले घनेरे बादलों को
उनकी बूंदों से
प्यासे की प्यास बुझाऊंगा
खेतों में हरियाली लाऊंगा
फिर जब सावन आएगा
इन बादलों को
वापस उनके घर ले जाऊंगा
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