ये रातें
ये तनहाईयाँ
अक्सर मुझको तड़पाते हैं
वो नहीं
उनकी यादें नहीं
अब तो वो तस्सवुर में भी
मेरे नहीं आते हैं
हम तो ख़्वाबों में ही
उनसे मिलकर
मुस्कुरा लिया करते थे
अब वही ख्वाब
आ आकर हमें तड़पाते हैं
उनके यूँ रूठ जाने का
कोई सबब तो नहीं
पर जाने क्यूँ वो हमसे
यूँ ही रूठे जाते हैं
शायद मेरे प्यार में ही
कुछ कमी रही जज्बातों की
तभी मुझको इस हाल में
वो तनहा छोड़े जाते हैं
अब तो रात और दिन
बस यही तनहाई है
वो नहीं हैं पास मेरे
दिल इस बात को
अब तक
ज़ज्ब नहीं कर पाई है
ये तनहाईयाँ
अक्सर मुझको तड़पाते हैं
वो नहीं
उनकी यादें नहीं
अब तो वो तस्सवुर में भी
मेरे नहीं आते हैं
हम तो ख़्वाबों में ही
उनसे मिलकर
मुस्कुरा लिया करते थे
अब वही ख्वाब
आ आकर हमें तड़पाते हैं
उनके यूँ रूठ जाने का
कोई सबब तो नहीं
पर जाने क्यूँ वो हमसे
यूँ ही रूठे जाते हैं
शायद मेरे प्यार में ही
कुछ कमी रही जज्बातों की
तभी मुझको इस हाल में
वो तनहा छोड़े जाते हैं
अब तो रात और दिन
बस यही तनहाई है
वो नहीं हैं पास मेरे
दिल इस बात को
अब तक
ज़ज्ब नहीं कर पाई है
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