इस एक घड़ी से
समय कैसे बदल जाता है
देखते ही देखते
आज कल बन जाता है
बस काँटों की टिक टिक से
वर्तमान भूत बन जाता है
जो अब है
वो कल में चला जाता है
भविष्य कौन देख पाता है
हर आने वाला पल
अब बन जाता है
समय यूँ ही
ससरता रहता है
सदियाँ बीत जाती हैं
भविष्य वर्तमान
और वर्तमान भूत
बनता रहता है
समय कैसे बदल जाता है
देखते ही देखते
आज कल बन जाता है
बस काँटों की टिक टिक से
वर्तमान भूत बन जाता है
जो अब है
वो कल में चला जाता है
भविष्य कौन देख पाता है
हर आने वाला पल
अब बन जाता है
समय यूँ ही
ससरता रहता है
सदियाँ बीत जाती हैं
भविष्य वर्तमान
और वर्तमान भूत
बनता रहता है
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