Friday 21 September 2012

तुम्हारा आना

मेरी ज़िन्दगी में

तुम्हारा यूँ आना

आकर मुस्कुराना

जैसे

सिन्दूरी सूरज

का निकलना

भोर के धुंधले आसमान में

अपनी किरणें बिखेरना

तम को बुहार कर

मुस्कुराना

और फिर

सारे जहां पर छा जाना

जैसे

तुम छा गयी हो

मेरी ज़िन्दगी में


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