Thursday 6 September 2012

तुम्हारा प्यार

तुम्हारे प्यार से मैं

कभी कभी बहुत घबराता हूँ

तुम्हारे छलकते प्यार को

जितना भी मैं सम्हालता हूँ

उसमे आकंठ डूब डूब जाता हूँ

मत करो मुझको प्यार इतना तुम

कि कर दो मुश्किल मेरा जीना तुम

मुझको को इस बात का लगता है डर

कभी जो छूटी जीवन की डगर

कैसे तुम सम्हालोगी खुद को

जब पास नहीं पाओगी मुझको

इसलिए कहता हूँ तुमसे

थोड़ी दूरी रखो मुझसे

ये नहीं कहता प्यार ना करो

करो मगर अपार ना करो 

2 comments:

  1. प्यार बस प्यार होता है
    कम या ज्यादा नहीं .....

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  2. मत करो मुझको प्यार इतना तुम

    कि कर दो मुश्किल मेरा जीना तुम

    pyar me mushkil ho hi jata hai jeena ..bahut sundar

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