मैं नहीं कहता कि वो बेवफा है
वफ़ा क्या है उसे नहीं पता है
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कितना सुकूं था जब ये इश्क ना था
इश्क करके क्यूँ वो सुकूं मैं गंवा बैठा
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सुकूं छीन कर इस दिल का बड़े सुकूं से रहते हैं वो
सुकूं छीन कर इस दिल का बड़े सुकूं से रहते हैं वो
कैसे बेदर्द हैं जो हमारे दर्द से बेखबर से रहते हैं वो
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जिंदगी ना जाने क्या क्या सपने दिखाती है
पर उनके पूरा होने से पहले नींद टूट जाती है
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मेरे इश्क के चर्चे लोगों ने ऐसे किये
गोया ज़माने में इश्क बस इक हमने किये
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मोहब्बत का क्यूँ मेरे यूँ तमाशा बनाते हो
अपनी नाकामियां तुम मुझ पर आजमाते हो
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नहीं सोचा था यूँ बात बात में बात जायेगी
उनसे होती थी जो कभी वो मुलाकात जायेगी
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तमाम मुश्किलों के बावजूद हमने चाहा जिंदगी को
मगर अफ़सोस वफ़ा मेरी मुझको ही रास ना आई
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हों तुझसे कभी दूर ये दिल नहीं चाहता
क्या दिल की बात कोई सुन नहीं पाता
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बिछड़ने का मलाल लिये फिरते रहे हम उम्र भर
तुमसे हंस हंस कर मिलना सितम ढा गया
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जिंदगी ना जाने क्या क्या सपने दिखाती है
पर उनके पूरा होने से पहले नींद टूट जाती है
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मेरे इश्क के चर्चे लोगों ने ऐसे किये
गोया ज़माने में इश्क बस इक हमने किये
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मोहब्बत का क्यूँ मेरे यूँ तमाशा बनाते हो
अपनी नाकामियां तुम मुझ पर आजमाते हो
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नहीं सोचा था यूँ बात बात में बात जायेगी
उनसे होती थी जो कभी वो मुलाकात जायेगी
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तुमसे दूरी हो या नजदीकियां
इस दिल में हैं वही बेचैनियाँ
जाने इस दिल का मुद्दा क्या है
चाहता है तुम्हें या तुमसे खफा है
इस दिल में हैं वही बेचैनियाँ
जाने इस दिल का मुद्दा क्या है
चाहता है तुम्हें या तुमसे खफा है
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तमाम मुश्किलों के बावजूद हमने चाहा जिंदगी को
मगर अफ़सोस वफ़ा मेरी मुझको ही रास ना आई
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हों तुझसे कभी दूर ये दिल नहीं चाहता
क्या दिल की बात कोई सुन नहीं पाता
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कैसे यकीं दिलाऊँ अब
तुमको अपनी मोहब्बत का
तमाम कोशिशें कर लीं मैंने पर नाकाम रही मेरी वफ़ा ------------
बिछड़ने का मलाल लिये फिरते रहे हम उम्र भर
तुमसे हंस हंस कर मिलना सितम ढा गया
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किसी की मोहब्बत को यूँ आजमाया नहीं करते
ये बड़ी किस्मत से होती है इसे ज़ाया नहीं करते
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जागते आँखों के ख्वाब का क्या भरोसा
सुना है नींद में देखे ख़्वाबों की ताबीर होती है
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प्रेम का ढाई आखर पढ़ न सका जो वो अनपढ़ है
चाहे कितना पढ़ लिख लो ये न पढ़ा तो अनपढ़ है
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प्रेम का ढाई आखर पढ़ न सका जो वो अनपढ़ है
चाहे कितना पढ़ लिख लो ये न पढ़ा तो अनपढ़ है
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