जो
रिश्तों की अहमियत
नहीं समझते हैं
और
रिश्तों को
अपने अपने अहम् के
तराजू पर तौलते हैं
रिश्ते
उनसे कभी नहीं सम्हलते हैं
रिश्ते तो
फुल से नाजुक होते हैं
निभे अगर मन से तो
फुल से खिलते हैं
उन्मुक्त रहें अगर तो
तितलियों से मचलते हैं
पर उम्मीदों के काँटों से
अक्सर ये रिश्ते
घायल होते हैं
ये रिश्ते तो
प्यार के
कायल होते हैं
सींचो इन्हें
प्यार से अगर
तो इनमें
बस प्यार ही प्यार
फलते हैं
ये रिश्ते ना हों तो
हम इनकी आग में जलते हैं
फिर
रिश्तों की अहमियत
हम क्यूँ नहीं समझते हैं
इन रिश्तों के दम पर ही तो
हम सब
अपनी जिंदगी जीते हैं
रिश्तों की अहमियत
नहीं समझते हैं
और
रिश्तों को
अपने अपने अहम् के
तराजू पर तौलते हैं
रिश्ते
उनसे कभी नहीं सम्हलते हैं
रिश्ते तो
फुल से नाजुक होते हैं
निभे अगर मन से तो
फुल से खिलते हैं
उन्मुक्त रहें अगर तो
तितलियों से मचलते हैं
पर उम्मीदों के काँटों से
अक्सर ये रिश्ते
घायल होते हैं
ये रिश्ते तो
प्यार के
कायल होते हैं
सींचो इन्हें
प्यार से अगर
तो इनमें
बस प्यार ही प्यार
फलते हैं
ये रिश्ते ना हों तो
हम इनकी आग में जलते हैं
फिर
रिश्तों की अहमियत
हम क्यूँ नहीं समझते हैं
इन रिश्तों के दम पर ही तो
हम सब
अपनी जिंदगी जीते हैं
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