तुम जानती हो ?
मेरा आईना हैं
तुम्हारी आँखें
इनमें देखता हूँ मैं खुद को
अपनी खामियां
अपनी अच्छाइयाँ
सब नज़र आती हैं मुझे इनमें
अक्सर मुझे टोक देती हैं
मेरी गलतियों पर
बिना कुछ बोले
तुम्हारी आँखें
और कभी
मुझे अहसास कराती हैं
मेरी अच्छाइयों का
बिना मुंह खोले
तुम्हारी आँखें
मुझे खुद पता नहीं चलता
कैसे मैं सम्हल जाता हूँ
यूँ ही अचानक लड़खड़ाते
जब बन जाती हैं
मेरी पथ प्रदर्शक
तुम्हारी आँखें
हौसला जब खोने लगता हूँ
खुद अपने आप से लड़ने लगता हूँ
तब पता नहीं कैसे
मुझे हिम्मत बंधाती हैं
तुम्हारी आँखें
बिना कुछ कहे
कितना कुछ कह जाती हैं
तुम्हारी आँखें
बिना कुछ किये
कितना कुछ कर जाती हैं
तुम्हारी आँखें
तभी
मुझको तो जान से प्यारी हैं
तुम्हारी आँखें
हाय काजल भरी मदहोश
तुम्हारी आँखें
मेरा आईना हैं
तुम्हारी आँखें
इनमें देखता हूँ मैं खुद को
अपनी खामियां
अपनी अच्छाइयाँ
सब नज़र आती हैं मुझे इनमें
अक्सर मुझे टोक देती हैं
मेरी गलतियों पर
बिना कुछ बोले
तुम्हारी आँखें
और कभी
मुझे अहसास कराती हैं
मेरी अच्छाइयों का
बिना मुंह खोले
तुम्हारी आँखें
मुझे खुद पता नहीं चलता
कैसे मैं सम्हल जाता हूँ
यूँ ही अचानक लड़खड़ाते
जब बन जाती हैं
मेरी पथ प्रदर्शक
तुम्हारी आँखें
हौसला जब खोने लगता हूँ
खुद अपने आप से लड़ने लगता हूँ
तब पता नहीं कैसे
मुझे हिम्मत बंधाती हैं
तुम्हारी आँखें
बिना कुछ कहे
कितना कुछ कह जाती हैं
तुम्हारी आँखें
बिना कुछ किये
कितना कुछ कर जाती हैं
तुम्हारी आँखें
तभी
मुझको तो जान से प्यारी हैं
तुम्हारी आँखें
हाय काजल भरी मदहोश
तुम्हारी आँखें
:)
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