सोचा नहीं था
तुमसे मिलूंगा
तय था मगर
तुमसे यूँ मेरा मिलना
नीले नभ के साए में हुआ
तुमसे यूँ मेरा मिलना
देख सूरज भी मुस्काया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
फूलों और कलियों को भी भाया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
चाँद तारों संग देखने आया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
रात भी देख देख शरमाया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
जाने क्यूँ सबको हरसाया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
चाहे से भी टल ना पाया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
दिल को मेरे भी भाया
तुमसे यूँ मेरा मिलना
अगर ना होता
तुमसे यूँ मेरा मिलना
जान ना पाता कितना मधुर था
तुमसे यूँ मेरा मिलना
चाहे से भी टल ना पाया
ReplyDeleteतुमसे यूँ मेरा मिलना ....बेहद खूबसूरत एहसास ...
behad khoobsurat ehsaas !
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