तस्वीर से झांकती
तुम्हारी आँखों ने
जाने कैसा जादू डाला है
दिल पे काबू नहीं रहा
मन भी अब मतवाला है
जाने क्या कुछ करती हैं
झील सी गहरी तेरी आँखें
धड़कन को बेकाबू कर
उखड़ी है मेरी साँसें
आँखें हैं या मय का प्याला
देखो तो लगती है हाला
मयखाने जाना भूल गया हूँ
जब से इनमें डूब गया हूँ
अब कुछ ऐसा जतन करवा दो
आँखों से अपनी मिलवा दो
जो ना इनसे मिल सका अगर
अधूरा रहेगा रूहों का सफ़र
तुम्हारी आँखों ने
जाने कैसा जादू डाला है
दिल पे काबू नहीं रहा
मन भी अब मतवाला है
जाने क्या कुछ करती हैं
झील सी गहरी तेरी आँखें
धड़कन को बेकाबू कर
उखड़ी है मेरी साँसें
आँखें हैं या मय का प्याला
देखो तो लगती है हाला
मयखाने जाना भूल गया हूँ
जब से इनमें डूब गया हूँ
अब कुछ ऐसा जतन करवा दो
आँखों से अपनी मिलवा दो
जो ना इनसे मिल सका अगर
अधूरा रहेगा रूहों का सफ़र
बहुत ही खुबसूरत है आपके ख्याल इन आखों की तरह....:)
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