कभी जब मैं ना रहूँ
आंसू मत बहाना तुम
ये बेशकीमती मोती
यूँ सरेआम ना लूटाना तुम
याद कभी जो आ जाऊं
मुझे ख़्वाबों में ले आना तुम
जो लम्हे हमने साथ गुज़ारे
उन्हें यादों में सजाना तुम
तन्हाइयों में जो दिल तड़पे
साथी नया ढूंढ लाना तुम
महफ़िल में 'गर दिल न लगे
गीत मेरे गुनगुनाना तुम
दर्द जब जुदाई का सताये
मुझे आवाज़ देकर बुलाना तुम
मर कर भी मेरी चाहत मिट नहीं सकती
ये कभी नहीं भुलाना तुम
कभी यादें जो मेरी मिटने लगें
मेरा लिखा हुआ दुहराना तुम
अपनी कविताओं में ज़िंदा मिलूंगा मैं
हो सके तो मिलने आना तुम
आंसू मत बहाना तुम
ये बेशकीमती मोती
यूँ सरेआम ना लूटाना तुम
याद कभी जो आ जाऊं
मुझे ख़्वाबों में ले आना तुम
जो लम्हे हमने साथ गुज़ारे
उन्हें यादों में सजाना तुम
तन्हाइयों में जो दिल तड़पे
साथी नया ढूंढ लाना तुम
महफ़िल में 'गर दिल न लगे
गीत मेरे गुनगुनाना तुम
दर्द जब जुदाई का सताये
मुझे आवाज़ देकर बुलाना तुम
मर कर भी मेरी चाहत मिट नहीं सकती
ये कभी नहीं भुलाना तुम
कभी यादें जो मेरी मिटने लगें
मेरा लिखा हुआ दुहराना तुम
अपनी कविताओं में ज़िंदा मिलूंगा मैं
हो सके तो मिलने आना तुम
kya baat hai bahut hi sundar abhivakti....
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