राह चलते ऐसे अगर
बहन बेटियां लूटती रहीं
हवस में अंधे जल्लादों से
यूँ ही पिटती और नुचती रहीं
तो वो दिन जल्दी आएगा
जब दुर्योधन और दु:शासन
इतिहास के पन्नों में पीछे रह जायेंगे
और उनको शर्माने
जाने कितने दुर्योधन और दु:शासन
काँटों की तरह धरती पर उग आयेंगे
और कितने घर की लाजों का
चीर हरण करवाएंगे
पर ध्यान रहे इन बातों का
कलयुग में कोई कृष्ण नहीं है
तुम्हारी लाज बचाने को
अब तुम्हें ही दुर्गा बनना होगा
असुरों का अस्तित्व मिटाने को
संहार करो और वार करो
अपनी लाज बचाने को
जब भी कोई हाथ उठे
अस्मत तुम्हारी लूटाने को
काट दो उन वहशी हाथों को
दिखा दो तुम ज़माने को
कमज़ोर नहीं तुम
अशक्त नहीं तुम
तुम में भी वो ताकत है
हर ज़ुल्म को मिटाने की
नारी तुम शक्ति रूपा हो
यह बात नहीं बताने की
तुम तो बेटी हो
झाँसी वाली रानी की
बहुत बहुत अच्छी !!!!! मन को छू गयी यह रचना.... आपको बधाई ! स्त्रियों की आज की परिस्थिति को जिस तरह इमादारी से उकेरा है आपने और फिर बहुत ही सुन्दर तरीके से उसे प्रेरित किया है स्वावलंबी बनाने को.... तारीफ जीतनी करूँ, कम है !!!!!
ReplyDelete