एक कुंवारे की आस ----
(यह रचना कुंठित पुरुष मानसिकता पर एक व्यंग्य है, अतः कृपया इसे उसी दृष्टिकोण से पढ़ें और आनंद
लें....अपने भाइयों से क्षमा याचना सहित )
इक पत्नी की ज़रूरत है ---
सर्वगुण सम्पन्न
दिखने में सुन्दर वो लगती हो
मेक अप भले ना करती हो
साड़ी सूट पहनती हो
स्कर्ट स्लैक्स से डरती हो
खाना बनाना आता हो
दाल भात सुहाता हो
मैगी पास्ता चिली चिकन
खाने को ना करता हो मन
घर में रहना भाता हो
इंग्लिश भले कम आता हो
पति को परमेश्वर मानती हो वो
और किसी को ना जानती हो जो
घर की इतनी भरी पूरी हो
संग कुछ लाना उसकी मजबूरी हो
रिश्ते निभाना जानती हो वो
अतिथि को देवता ना मानती हो जो
कंप्यूटर में एलर्ट हो
वर्ड एक्सेल में एक्सपर्ट हो
प्रोजेक्ट मेरे सब टाइप करे वो
थोड़े को भी हाईप करे जो
फेसबुक उसको प्यारा ना हो
चैट बिलकुल गंवारा ना हो
कभी जो उसको फ्रेंड रिक्वेस्ट आये
सबसे पहले मुझे बताये
प्रोफाइल मुझे जो पसंद आये
उसी को वो फ्रेंड बनाए
मेरी फेसबुक की सखियों को
वो अपनी बहना माने
उनके भेजे स्मायिलिज़ से
उनके मन की ना जाने
सर्वगुण वो संपन्न हो
घरवाले उस से प्रसन्न हो
'गर ऐसी लड़की दिखे कहीं
मुझको मेसेज कर दें वहीँ
धन्यवाद आपका ज़रूर चुकाऊंगा
कहेंगे अगर तो
आपके लिए भी
एक ऐसी ही लेकर आऊँगा
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