रात मचलती रही
चाँद को बाहों में लेने के लिए
चाँद भी आतुर था
रात के आँचल में छुपने के लिए
बादलों को जाने किसने
किस्सा सारा बतला दिया
चांदनी से मिलकर उसने
चाँद को छुपा दिया
रात मचलती रही
चाँद को बाहों में लेने के लिए
हवाओं से देखा ना गया
रात का यूँ मचलना
चाँद से मिलने के लिए
हवा का एक नर्म झोंका
बादलों को हटा दिया
रात ने बाहें फैलाकर
चाँद को
आगोश में अपने छुपा लिया
चांदनी छुपती रही
चाँद भी शरमा गया
चाँद अब आसमां में
जब भी निकल कर आता है
बादलों के ओट से
रात को बुलाता है
रात के जाते ही फिर
चाँद कहीं छुप जाता है
चाँद को बाहों में लेने के लिए
चाँद भी आतुर था
रात के आँचल में छुपने के लिए
बादलों को जाने किसने
किस्सा सारा बतला दिया
चांदनी से मिलकर उसने
चाँद को छुपा दिया
रात मचलती रही
चाँद को बाहों में लेने के लिए
हवाओं से देखा ना गया
रात का यूँ मचलना
चाँद से मिलने के लिए
हवा का एक नर्म झोंका
बादलों को हटा दिया
रात ने बाहें फैलाकर
चाँद को
आगोश में अपने छुपा लिया
चांदनी छुपती रही
चाँद भी शरमा गया
चाँद अब आसमां में
जब भी निकल कर आता है
बादलों के ओट से
रात को बुलाता है
रात के जाते ही फिर
चाँद कहीं छुप जाता है
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