Sunday 15 July 2012

वो बच्चा

आज सवेरे मंदिर गया तो

सीढियों पर वहां इक बच्चा पड़ा था

चारो तरफ उसके जमाकड़ा था

सब आपस में खुस फूस कर रहे थे

हुआ क्या ये सब पूछ रहे थे

वह नवजात बच्चा

जाने कौन उसे वहाँ छोड़ गया

क्यूँकर उस से मुंह मोड़ गया

अब जाने कितने विशेषणों से

वो नवाज़ा जाएगा

नाजायज़ ....अनाथ ....

और पता नहीं क्या क्या

फिर उसकी जाति पर

जाने कितने बहस छिड़ेंगे

पंडित मौलाना और पादरी

सब अपनी अपनी हांकेंगे

उसके ग्रह नक्षत्रों से

उसकी जनम पतरी बांचेंगे

फिर उसके सृजन पर चर्चे होंगे

ना जाने कितनी संभावनाओं पर

कयास लगाए जायेंगे

कुछ उस कोख को कोसेंगे

कुछ सहानुभूति के शब्द बोलेंगे

कौन थी वो माँ

जिसने इसको जनम दिया

ऐसा क्या हुआ जो

टुकड़े को अपने तज दिया

शायद कोई दुखियारी होगी

या किस्मत की मारी होगी

वो घड़ी ही उस पर भारी होगी

जब उसने दुनिया तारी होगी

दिखी उसे चिंगारी होगी

कितना तड्पी वो बेचारी होगी

कौन जाने कैसी लाचारी होगी

किसी हवस के भूखे ने

कोख उसकी कलंकित की होगी

या किसी ने प्यार के झांसे में

अस्मत उसकी लूटी होगी

या फिर कौन जाने काल के हाथों

किस्मत उसकी फूटी होगी

तभी इक माँ

अपने कलेजे के टुकड़े से रूठी होगी

अब उस नवजात के

इस संसार में आने का कारण जो भी हो

उसमें उसका कोई दोष नहीं है

पर समाज के ठेकेदारों को

इसका कोई होश नहीं है

उसके जनम और जाति पर

सामाजिक बहस छिड़ी हुयी है

वो जिए चाहे मरे

किसी को क्या पड़ी हुयी है

अरे इंसानियत भी कुछ होता है

अपनी रचना की दुर्दशा पर

भगवान भी ऊपर रोता है 

इस नन्ही सी जान को

सीने से लगाने में

किसी का क्या कुछ खोता है

दुनिया में जब वो आ गया है

दिल और धड़कन पा गया है

अब उसके अन्दर भी ईश्वर है

रक्षक उसका भी परमेश्वर है

कोई हक नहीं किसी को

उस बच्चे को दुतकारने का

उसे नाजायज़ पुकारने का

नाजायज़ वो नहीं

हमारी सोच का तरीका है

वो मासूम भी

हर बच्चों सरीखा है

शायद उसका जनम हुआ हो

उस माँ की ममता पाने को

जिसकी कोख हो सूखी

और ईश्वर चाहे

ममता उसकी आजमाने को

ऐसी ही किसी माँ की गोद

मिल जाए उस बिन घराने को

मगर ऐसा जो नहीं हुआ

ममता खाली जो कहीं हुआ

फिर टुकड़ों पे औरों के ये पलेगा

रुखा सुखा जो मिलेगा

उसी से इसका बचपन खिलेगा

अगर किसी का दिल पिघलेगा

पढ़ना लिखना भी सिख लेगा

अगर ये मन में ठानेगा

फिर कहाँ किसी की मानेगा

हस्ती अपनी ऐसी बनाएगा

सारी दुनिया को दिखलायेगा

और जहां भी होगी उसकी माँ

उसका दिल भी

उसे देख देख हरसायेगा

शायद वो दिन भी आएगा

हाँ वो दिन भी आएगा










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