Saturday 21 July 2012

देखो बहारें आने को है

देखो बहारें आने को है

फूलों से चमन महकाने को है

अब और उदासी मत ढोना

ग़म के आंसू मत रोना

खुशियों का शमा छाने को है

दर्द तुम्हारा जीत गया

उदासी का पल बीत गया

अब सुखों का रेला आने को है

अरमानों के फुल खिलाने को है

आगे बढ़ो और थामो उसको

ज़िन्दगी जो तुमको थमाने को है

आशाओं से सींचो उसको

उम्मीद तुमसे ज़माने को है 

No comments:

Post a Comment