इंतज़ार ---
शब्द एक ---
भाव अनेक ---
पात्र अलग अलग ---
इंतज़ार का अंदाज़ अलग अलग ---
नवजात शिशु , उसके लपलपाते होठ
इंतज़ार में है ---
अपनी माँ के स्पर्श और प्यार की
वो स्कूल से लौटा बच्चा ---
इंतज़ार में है ---
माँ के असीम दुलार की
और वो शैतान बच्चा ---
इंतज़ार में है ---
माँ के प्यार भरी फटकार की
दो किशोर सहपाठी ---
जिनको बस नज़र की चाहत है ---
इंतज़ार में है ---
नज़रों में इक़रार की
उस मोहिनी की अलसाई आँखें ---
इंतज़ार में है ---
सपनों के राजकुमार की
प्रेम से अभिभूत नवयौवना ---
इंतज़ार में है ---
प्रेमी से अभिसार की
विरह में तड़पते प्रेमी ---
इंतज़ार में है ---
दीदार-ए- यार की
आग से झुलसती धरती ---
इंतज़ार में है ---
बारिश के पहले बौछार की
तपते आसमान में उड़ते पखेरू ---
इंतज़ार में है ---
एक ठंढे बयार की
और वो गुलशन ---
जो खिज़ां में उजड़ गया था ---
इंतज़ार में है ---
ख़ुशनुमा बहार की
वो कल की ब्याही दुल्हन ---
इंतज़ार में है ---
अपने नए संसार की
मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे में ---
शीश नवाते सारे लोग ---
इंतज़ार में है ---
रहमत-ए-परवर दीगार की
कारवां से बिछड़ा राही ---
इंतज़ार में है ---
एक पहचाने रहगुज़ार की
यहाँ हर बेगार ---
इंतज़ार में है ---
एक अदद रोज़गार की
परदेश गए बेटे की माँ ---
इंतज़ार में है ---
अपने बेटे के पुकार की
घर में बैठे बूढ़े माता पिता ---
इंतज़ार में है ---
प्यार भरे सम्हार की
और सबसे परे ---
ये मूढ़ मुरख अज्ञानी ---
इंतज़ार में है ---
ज्ञान के भण्डार की
शब्द एक ---
भाव अनेक ---
पात्र अलग अलग ---
इंतज़ार का अंदाज़ अलग अलग ---
नवजात शिशु , उसके लपलपाते होठ
इंतज़ार में है ---
अपनी माँ के स्पर्श और प्यार की
वो स्कूल से लौटा बच्चा ---
इंतज़ार में है ---
माँ के असीम दुलार की
और वो शैतान बच्चा ---
इंतज़ार में है ---
माँ के प्यार भरी फटकार की
दो किशोर सहपाठी ---
जिनको बस नज़र की चाहत है ---
इंतज़ार में है ---
नज़रों में इक़रार की
उस मोहिनी की अलसाई आँखें ---
इंतज़ार में है ---
सपनों के राजकुमार की
प्रेम से अभिभूत नवयौवना ---
इंतज़ार में है ---
प्रेमी से अभिसार की
विरह में तड़पते प्रेमी ---
इंतज़ार में है ---
दीदार-ए- यार की
आग से झुलसती धरती ---
इंतज़ार में है ---
बारिश के पहले बौछार की
तपते आसमान में उड़ते पखेरू ---
इंतज़ार में है ---
एक ठंढे बयार की
और वो गुलशन ---
जो खिज़ां में उजड़ गया था ---
इंतज़ार में है ---
ख़ुशनुमा बहार की
वो कल की ब्याही दुल्हन ---
इंतज़ार में है ---
अपने नए संसार की
मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे में ---
शीश नवाते सारे लोग ---
इंतज़ार में है ---
रहमत-ए-परवर दीगार की
कारवां से बिछड़ा राही ---
इंतज़ार में है ---
एक पहचाने रहगुज़ार की
यहाँ हर बेगार ---
इंतज़ार में है ---
एक अदद रोज़गार की
परदेश गए बेटे की माँ ---
इंतज़ार में है ---
अपने बेटे के पुकार की
घर में बैठे बूढ़े माता पिता ---
इंतज़ार में है ---
प्यार भरे सम्हार की
और सबसे परे ---
ये मूढ़ मुरख अज्ञानी ---
इंतज़ार में है ---
ज्ञान के भण्डार की
No comments:
Post a Comment