Tuesday 3 July 2012

इंतज़ार

इंतज़ार ---

शब्द एक ---

भाव अनेक ---

पात्र अलग अलग ---

इंतज़ार का अंदाज़ अलग अलग ---

नवजात शिशु , उसके लपलपाते होठ

इंतज़ार में है ---

अपनी माँ के स्पर्श और प्यार की

वो स्कूल से लौटा बच्चा ---

इंतज़ार में है ---

माँ के असीम दुलार की

और वो शैतान बच्चा ---

इंतज़ार में है ---

माँ के प्यार भरी फटकार की

दो किशोर सहपाठी ---

जिनको बस नज़र की चाहत है ---

इंतज़ार में है ---

नज़रों में इक़रार की

उस मोहिनी की अलसाई आँखें ---

इंतज़ार में है ---

सपनों के राजकुमार की 

प्रेम से अभिभूत नवयौवना ---

इंतज़ार में है ---

प्रेमी से अभिसार की

विरह में तड़पते प्रेमी ---

इंतज़ार में है ---

दीदार-ए- यार की

आग से झुलसती धरती ---

इंतज़ार में है ---

बारिश के पहले बौछार की

तपते आसमान में उड़ते पखेरू ---

इंतज़ार में है ---

एक ठंढे बयार की

और वो गुलशन ---

जो खिज़ां में उजड़ गया था ---

इंतज़ार में है ---

ख़ुशनुमा बहार की

वो कल की ब्याही दुल्हन ---

इंतज़ार में है ---

अपने नए संसार की

मंदिर मस्जिद और गुरूद्वारे में ---

शीश नवाते सारे लोग ---

इंतज़ार में है ---

रहमत-ए-परवर दीगार की

कारवां से बिछड़ा राही ---

इंतज़ार में है ---

एक पहचाने रहगुज़ार की

यहाँ हर बेगार ---

इंतज़ार में है ---

एक अदद रोज़गार की

परदेश गए बेटे की माँ ---

इंतज़ार में है ---

अपने बेटे के पुकार की

घर में बैठे बूढ़े माता पिता --- 

इंतज़ार में है ---

प्यार भरे सम्हार की

और सबसे परे ---

ये मूढ़ मुरख अज्ञानी ---

इंतज़ार में है ---

ज्ञान के भण्डार की











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