चलो नहीं कहता तुम्हें मुझसे मोहब्बत है
फिर क्यों तुम बेक़रार होती हो ?
क्यूँ तुम्हारी नज़रें मेरा राह तकती हैं ?
क्यूँ हर आहट पर तुम चौंकती हो ?
क्यूँ सबसे मेरा पता पूछती हो ?
क्यूँ तुम्हारे दिल की धड़कन ठहर जाती है ?
जब मैं तुम्हारे पास नहीं होता ....
क्यूँ ?????
है कोई जवाब तुम्हारे पास ...
मेरी इन बातों का ?
तुम अपने दिल से पूछो
वही बताएगा तुम्हें ...
सच क्या है !
और फिर भी ना समझो तो ...
शायद सच तुम्हें स्वीकार नहीं !!!
फिर क्यों तुम बेक़रार होती हो ?
क्यूँ तुम्हारी नज़रें मेरा राह तकती हैं ?
क्यूँ हर आहट पर तुम चौंकती हो ?
क्यूँ सबसे मेरा पता पूछती हो ?
क्यूँ तुम्हारे दिल की धड़कन ठहर जाती है ?
जब मैं तुम्हारे पास नहीं होता ....
क्यूँ ?????
है कोई जवाब तुम्हारे पास ...
मेरी इन बातों का ?
तुम अपने दिल से पूछो
वही बताएगा तुम्हें ...
सच क्या है !
और फिर भी ना समझो तो ...
शायद सच तुम्हें स्वीकार नहीं !!!
kabhi kabhi satya ko bhram jaal ke parde mein rakhna hi shreyasakr hota hai.......... rachna bahut msnn mohak hai PrashantJi, badhai !! :)
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