ज़िन्दगी के इस रेगिस्तान में
कितने प्रश्न
नागफनी बन कर खड़े हैं
हर पल हर घड़ी सबको
जवाबों के लाले पड़े हैं
कुछ जवाबों की कोपलें फूटी तो हैं
मगर
समय के इस चक्र में
ज़िन्दगी ने
प्रश्नों का ढर्रा बदल दिया है
अब ज़िन्दगी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न ही पूछ रही है
जवाब
हाँ या ना में मांग रही है
दरअसल
अब उसे भाव आवेश नहीं आता
आपा धापी में
यथार्थ से जो अब
उसने जोड़ लिया है नाता
इसलिए उसने
प्रश्नों का ढर्रा बदल दिया है
बदले हुए हालातों में
नए ढर्रे को देख
जवाब की कोपलें
अब मुरझाने लगी हैं
उन्हें भान ना था
ज़िन्दगी
इस तरह
बिना बताये
प्रश्नों का ढर्रा बदल देगी
अब तो उन्हें फिर से
नयी उर्जा के साथ
नए ढर्रे में
बन संवर कर खिलना होगा
और
नागफनी पे टंगे प्रश्नों का जवाब
हाँ या ना में देना होगा
तभी ये प्रश्न सुलझेंगे
ज़िन्दगी का रुख बदलेंगे
फिर किसी मृग मरीचिका के
भ्रम जाल में फंस कर
कोई राही
ज़िन्दगी के रेगिस्तान में
प्रश्नों की नागफनी से
उलझ नहीं पायेगा
और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का जवाब
हाँ या ना में देकर
सरसब्ज़ तक पहुँच जाएगा
-----------
(वस्तुनिष्ठ - objective )
(सरसब्ज़ - oasis)
कितने प्रश्न
नागफनी बन कर खड़े हैं
हर पल हर घड़ी सबको
जवाबों के लाले पड़े हैं
कुछ जवाबों की कोपलें फूटी तो हैं
मगर
समय के इस चक्र में
ज़िन्दगी ने
प्रश्नों का ढर्रा बदल दिया है
अब ज़िन्दगी
वस्तुनिष्ठ प्रश्न ही पूछ रही है
जवाब
हाँ या ना में मांग रही है
दरअसल
अब उसे भाव आवेश नहीं आता
आपा धापी में
यथार्थ से जो अब
उसने जोड़ लिया है नाता
इसलिए उसने
प्रश्नों का ढर्रा बदल दिया है
बदले हुए हालातों में
नए ढर्रे को देख
जवाब की कोपलें
अब मुरझाने लगी हैं
उन्हें भान ना था
ज़िन्दगी
इस तरह
बिना बताये
प्रश्नों का ढर्रा बदल देगी
अब तो उन्हें फिर से
नयी उर्जा के साथ
नए ढर्रे में
बन संवर कर खिलना होगा
और
नागफनी पे टंगे प्रश्नों का जवाब
हाँ या ना में देना होगा
तभी ये प्रश्न सुलझेंगे
ज़िन्दगी का रुख बदलेंगे
फिर किसी मृग मरीचिका के
भ्रम जाल में फंस कर
कोई राही
ज़िन्दगी के रेगिस्तान में
प्रश्नों की नागफनी से
उलझ नहीं पायेगा
और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का जवाब
हाँ या ना में देकर
सरसब्ज़ तक पहुँच जाएगा
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(वस्तुनिष्ठ - objective )
(सरसब्ज़ - oasis)
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