अपनी आँखों के लिए
सुनहरे वाले सपने लाता
कुछ दर्द भरे सपनों से बदल कर
खुशियों के सपने लाता
सपनों के उस मेले से
कुछ बचपन के सपने लाता
कुछ यौवन के सपने लाता
कुछ रंगों के सपने लाता
कुछ दीपों के सपने लाता
जीवन जिनसे रंग जाता
उजाला जीवन में भर जाता
ऐसे मैं सपने लाता
काश कहीं सपना बिकता
मैं अपने वाले सपने लाता
काश कहीं सपना बिकता, तो हम भी खरीद लाते उन सपनो को जो ये आंखे दिन रात देखती है ...बहुत सुन्दर प्रशांत जी ...!!
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ReplyDeleteThis is purely awesome! :) Lots and lots of love!
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