Saturday, 14 June 2025

तू मेरी साँसों में गुँथी है, मेरी बेटी

एक पिता की हृदयगाथा अपनी बेटी के लिए

जब तू आई थी,
तो जैसे कोई मधुर ऋतु उतर आई थी
मेरे जीवन की सूनी शाख़ों पर।

तेरे पहले रोने की ध्वनि
कोई चीख नहीं थी—
वो जैसे ईश्वर का स्पर्श था,
जो मेरी आत्मा को जीवन देने आया हो।

मैंने उस क्षण जाना,
पिता होना सिर्फ़ एक संबंध नहीं—
यह तो एक सौम्य यज्ञ है,
जहाँ हर दिन,
तेरी एक मुस्कान पर
मैं अपना अस्तित्व अर्पित करता रहा।


तेरी उँगलियों का मेरी अँगुली को थामना
कोई साधारण पकड़ नहीं थी—
वो भरोसा था…
कि दुनिया चाहे जैसी हो,
तू मेरी बाँहों में सुरक्षित है।

तेरे नन्हें क़दमों की आहटें
मेरे जीवन की सबसे सजीव संगीत बन गईं।

तेरे बिना बोले भावों से कहना
मुझे मौन की परिभाषा समझा गया।

तेरे गालों का गुलाल
मेरे हर दिन को
एक नए सूरज की रोशनी दे गया।


फिर तू बड़ी होने लगी—
धीरे-धीरे,
पर हर पल गहराई में उतरती हुई।

तेरी हँसी
घर की दीवारों पर उजास लिखती थी।
तेरी जिदें भी प्यारी थीं—
क्योंकि उनमें तेरी मासूम जिज्ञासाएँ थीं।

तेरे सपने छोटे थे,
पर उनके रंग इतने सच्चे,
कि मैं खुद उन्हें ओढ़ लेना चाहता था।


जब तू स्कूल के मंच पर खड़ी हुई पहली बार,
तेरी आँखों की चमक में
मैंने अपनी आत्मा का गौरव देखा।

जब तू पहली बार असफल हुई,
और आँखों से चुपचाप आँसू बह निकले—
तब मैंने सीखा,
कि सच्चा प्रेम हार में भी साथ खड़ा होता है।


बिटिया,
तू मेरी कमज़ोरी नहीं—
तू मेरा तेज़ है।
तू वो रौशनी है
जिसने मुझे दुनिया की आँखों में
सम्मान दिलाया।

लोग जब मुझे तुझसे जोड़कर पहचानते हैं,
"अरे, आप तो उनकी बेटी के पापा हैं!"
तो मेरी छाती गर्व से फूल जाती है—
और भीतर कहीं,
मैं ईश्वर को नमन करता हूँ।


तेरे कारण मैंने खुद को बेहतर किया,
तेरे लिए मैं और सजग हुआ,
तेरे संग हँसते हुए
मैंने सीखा—
कि जीवन का असली संगीत
कभी लाउड नहीं होता,
वो तो तेरे जैसे स्पर्श में बजता है।


तू अब बड़ी हो रही है—
तेरी आँखों में नई दुनिया के स्वप्न हैं।
तेरे विचार अपने हैं,
तेरी राहें खुलने लगी हैं।

पर जान ले, बिटिया,
मेरे लिए तू वही है—
जो पहली बार मेरे सीने से लगी थी
और नींद में मेरे दिल की धड़कन सुनती थी।


तू चाहे जहाँ भी रहे,
जब भी थके,
जब भी डरे,
जब भी बस चुप रहना चाहे—
तेरा पिता
तेरे लिए वही रहेगा—
एक शांत छाँव,
एक स्थिर बाँह,
एक ऐसा घर
जहाँ तू फिर से बच्ची बन सके।


तेरी माँ कहती है
कि मैं तेरे लिए ज़्यादा भावुक हो जाता हूँ।
शायद सही कहती है—
क्योंकि मैंने खुद को
तेरे नाम में पिघलते देखा है।


बिटिया,
तू मेरा गर्व है—
न सिर्फ़ दुनिया के लिए,
बल्कि मेरे भीतर के उस आदमी के लिए भी
जो तेरे आने से पहले अधूरा था।

तेरे जीवन में मेरी पहचान जुड़ी है,
और इस पहचान पर
मैं पूरे ब्रह्मांड से ज़्यादा भरोसा करता हूँ।


तू मेरी कविता है, मेरी प्रार्थना,
तू मेरी साँसों में गुँथी हुई रचना है।
बिटिया, तू है—
तो मैं हूँ।

— तेरा पापा



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