Monday, 9 June 2025

फिर तुमसे मिलना हुआ - ग़ज़ल

तेरे बाद फिर एक दिन, मिलना हुआ,

जैसे किसी बंजर ज़मीं को सावन मिला।


नज़रों में तेरी वही पहला असर,

दिल को फिर से वही धड़कन मिला।


लब खामोश थे, पर कह रहे थे बहुत कुछ ,

तेरी चुप्पी में भी मुझे एक जीवन मिला।


वो जो टूटा था वक्त के मोड़ पर,

आज फिर उस लम्हे को दामन मिला।


तेरे आने से फूल फिर मुस्काए,

और हर राह को फिर से आँगन मिला।


जो जुदाई में रह गया था अधूरा,

मिलन में उसे फिर से कारण मिला।


तेरी बातों में थी वही मीठी थकन,

जिससे  दिल को सुकून और चैन मिला।




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