Thursday, 5 June 2025

तुझसे मिलने का कोई वादा तो नहीं था

  

बहुत रो लिया
तेरे लिए
अब आँसू भी
तेरे नाम से
शरमाते हैं।
तेरी कमी
अब तन्हाई नहीं,
मेरा साया बन
साथ चलते हैं 


वो दिल जो कभी 
तेरे लिए धड़का था,
अब वो
तेरी यादों का
मज़ार है।
हर धड़कन में
जो तेरा नाम लिखा था ,
अब उस मज़ार पे लिखी 
इबारत है। 


मेरे भीतर जो
आंसुओं का सैलाब बहता है 
तेरे ग़म का नहीं,
तेरी यादों का है।
मैंने तुझे कभी 
भुलाया नहीं,
बस ये दिल 
अब तुझे ढूंढता नहीं।


अब भी
तेरे बिना हूँ,
पर अधूरा नहीं।
तेरी याद ने
जो टूटन दी,
उसी ने
मुझे पूरा किया।


अब मैं मोहब्बत को 
किसी चेहरे में
नहीं 
उस पल में ढूंढता हूँ 
जिनमें कभी तू बसती थी 
तुझसे अब कोई दूरी नहीं,
बस एक जनम का फासला है


तेरे जाने से
ज़िन्दगी रुकी नहीं,
चलती रही
तेरे क़दमों के निशां पर
अब मैं
तेरे लौटने की
उम्मीद नहीं करता,
बस 
तेरे होने के यकीन में 
जीता हूँ।


कभी फिर
किसी जनम में
मिलना हो तो,
लफ़्ज़ों से नहीं,
खामोशी से
पहचान लेना।
मैं वहीं मिलूँगा
जहाँ तेरे बिना
जीने का
इरादा नहीं था।


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