Wednesday, 4 June 2025

वादा और इंतज़ार

वो वादा जो ज़ुबां से नहीं,

दिल से किया गया था,

और वो इंतज़ार जो हर धड़कन में बसा है।



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तुमसे किया वो वादा,

जिसे मेरा दिल हर पल निभा रहा है,


याद है वो दिन,

जब हमने बिना कहे, बिना लिखे,

एक-दूसरे की आँखों में

सारा कुछ कह दिया था।


वादा नहीं, ये एक एहसास था —

जिसे समझना सिर्फ़ हम दोनों ही जानते थे।

तेरे बिना ज़िंदगी की राहें खाली लगती हैं,

पर उस वादे की कसमें हैं, जो मुझे थामे रखती हैं।


हर दिन मैं तेरा इंतज़ार करता हूँ,

हर पल तुम्हारे आने की दुआ करता हूँ।

चाँदनी रातों में, बारिश की बूँदों में,

और खामोश हवाओं में बस तेरा नाम पुकारता हूँ।


इंतज़ार की हर घड़ी में,

मेरे दिल ने तेरे प्यार को और गहरा बनाया है।

और ये यकीन,

कि जो वादा किया था,

वो पूरा होगा — चाहे कितना भी वक्त लगे।


तेरे आने का इंतजार,

मेरी सबसे बड़ी खुशी है।

क्योंकि मुझे पता है —

वो पल जब होगा,

तुम्हारी मुस्कान फिर से मेरी धड़कनों में समा जाएगी।


तब तक…

मैं इस वादे को निभाता रहूँगा,

तेरे बिना भी,

तुम्हारे लिए ही जियूँगा।


क्योंकि वादा जो दिल से किया हो,

वो कभी टूटता नहीं,

और इंतज़ार जो प्यार से भरा हो,

वो हमेशा रंग लाता है।



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हमेशा तेरा,

इंतज़ार में डूबा हुआ,

तुम्हारा।




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