दिल की बात
किस से बताएं
जाने क्यूँ लगता है
सबसे छुपायें
बात दिल की
दिल में ही रह गयी तो
साथ मेरे राख के
वो भी बह गयी तो
कोई कभी ये
जान नहीं पायेगा
मेरी हसरतों मेरी चाहतों को
पहचान नहीं पायेगा
फिर भटकेगी रूह मेरी
यूँ ही प्यासी प्यासी
मर के भी हिस्से में मेरे
आएगी उदासी
कोई होता जिस से
कर लेते दिल की बात
चीर के दिल अपना
दिखलाते अपने जज़्बात
ऐसा कोई
साथी नहीं है
दिया है पर
बाती नहीं है
अकेला हूँ मैं
इस पूरे जहां में
साथी अब अपना
ढूंढूं कहाँ मैं
साँसें किसी दिन
यूँ ही थम जायेंगी
रगों में लहू
सर्द हो जम जायेंगी
दिल की बात
मेरे दिल में ही रह जाएगी
राख बन कर मेरे साथ
ये भी बह जाएगी
किस से बताएं
जाने क्यूँ लगता है
सबसे छुपायें
बात दिल की
दिल में ही रह गयी तो
साथ मेरे राख के
वो भी बह गयी तो
कोई कभी ये
जान नहीं पायेगा
मेरी हसरतों मेरी चाहतों को
पहचान नहीं पायेगा
फिर भटकेगी रूह मेरी
यूँ ही प्यासी प्यासी
मर के भी हिस्से में मेरे
आएगी उदासी
कोई होता जिस से
कर लेते दिल की बात
चीर के दिल अपना
दिखलाते अपने जज़्बात
ऐसा कोई
साथी नहीं है
दिया है पर
बाती नहीं है
अकेला हूँ मैं
इस पूरे जहां में
साथी अब अपना
ढूंढूं कहाँ मैं
साँसें किसी दिन
यूँ ही थम जायेंगी
रगों में लहू
सर्द हो जम जायेंगी
दिल की बात
मेरे दिल में ही रह जाएगी
राख बन कर मेरे साथ
ये भी बह जाएगी
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