क्यूँ
तुमने मुझे
यादों का हिस्सा मान लिया
मैं मौजूद था तुम्हारे सिरहाने
जब तुम तकिये में
मुंह छुपा कर रोई थी
भान ना हो सका
मेरी मौजूदगी का तुम्हें
उस वक्त
क्यूंकि
तुमने मुझको गया हुआ
जो मान लिया था
पर सोचो
क्या शरीर से आत्मा
अलग कर पाया है कोई
मौत के सिवा
तुमने मुझे
यादों का हिस्सा मान लिया
मैं मौजूद था तुम्हारे सिरहाने
जब तुम तकिये में
मुंह छुपा कर रोई थी
भान ना हो सका
मेरी मौजूदगी का तुम्हें
उस वक्त
क्यूंकि
तुमने मुझको गया हुआ
जो मान लिया था
पर सोचो
क्या शरीर से आत्मा
अलग कर पाया है कोई
मौत के सिवा
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