Friday 3 August 2012

तेरे कूचे में आज

जाने कितने अहसास

जज़्ब कर बैठा हूँ

तेरे कूचे में आज

निकलने वाली है

तेरे अरमानों की बारात 

तेरे कूचे में आज

लूट जायेंगे मेरे इश्क के

जाने कितने ख्वाब

तेरे कूचे में आज

निकलेगा मेरे इश्क का जनाज़ा

तेरे जाने के बाद

तेरे कूचे में आज


No comments:

Post a Comment