तुम क्या गयी
जिंदगी बदल गयी
साँसें आती जाती रही
बदन से रूह निकल गयी
मैं तो इक आवारा बादल था
भटकता दीवाना पागल था
तुमने जीना सिखाया मुझे
जीने के काबिल बनाया मुझे
बिखरे तिनकों को जोड़
मेरा घर बसाया था तुमने
मेरे जीवन की बगिया को
गुलशन सा महकाया था तुमने
तुमने सपनों से अपने
जिंदगी मेरी संवारी थी
तभी तो मैंने दुनिया अपनी
सारी तुझ पे वारी थी
तुम क्यूँ चली गयी
मुझसे यूँ रूठ कर
बिखर गया हूँ मैं देखो
खुद से टूट कर
मैंने तुम्हारे जज्बातों की
क़दर ना जानी
खेलता रहा उनसे और
करता रहा मनमानी
तू इस तरह जो बिगड़ गयी
दुनिया मेरी देख उजड़ गयी
अब तुम्हारे बिन
इक पल भी रहा नहीं जाता
गम ये जुदाई का
मुझसे सहा नहीं जाता
आ जाओ
कि जीना मेरा ज़रुरी है
मेरे लिये
क्योंकि मांगी थी
ये जिंदगी सनम मैंने बस
तेरे लिये
जिंदगी बदल गयी
साँसें आती जाती रही
बदन से रूह निकल गयी
मैं तो इक आवारा बादल था
भटकता दीवाना पागल था
तुमने जीना सिखाया मुझे
जीने के काबिल बनाया मुझे
बिखरे तिनकों को जोड़
मेरा घर बसाया था तुमने
मेरे जीवन की बगिया को
गुलशन सा महकाया था तुमने
तुमने सपनों से अपने
जिंदगी मेरी संवारी थी
तभी तो मैंने दुनिया अपनी
सारी तुझ पे वारी थी
तुम क्यूँ चली गयी
मुझसे यूँ रूठ कर
बिखर गया हूँ मैं देखो
खुद से टूट कर
मैंने तुम्हारे जज्बातों की
क़दर ना जानी
खेलता रहा उनसे और
करता रहा मनमानी
तू इस तरह जो बिगड़ गयी
दुनिया मेरी देख उजड़ गयी
अब तुम्हारे बिन
इक पल भी रहा नहीं जाता
गम ये जुदाई का
मुझसे सहा नहीं जाता
आ जाओ
कि जीना मेरा ज़रुरी है
मेरे लिये
क्योंकि मांगी थी
ये जिंदगी सनम मैंने बस
तेरे लिये
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