Tuesday 21 August 2012

मेरा इश्क

सोचा ना था

ये इश्क मेरा

तड़पेगा कभी

तेरे हुस्न की बंदगी को


हमने तो

खुदा मान कर

तेरी इबादत की है

भूल कर दीवानगी को


देख कहीं

हुस्न तेरा

रुसवा ना करे

मेरे इश्क की पाकीज़गी को


तेरा हुस्न रहे सलामत

मेरे इश्क की बदौलत

यही दुआ है

खुदा की इस ज़िंदगी को 

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