जब कभी
तुम्हारा ख्याल
मेरे मन में
आता है
एक खूबसूरत सा अहसास
मेरे मन को
छूकर जाता है
अहसास के उस छुवन से
मेरा मन
संदल संदल हो जाता है
ख्यालों के
मखमली पंख लगाकर
मेरा मन
जाने कहाँ उड़ जाता है
तुम्हारे अहसास के फूलों
के खिलते ही
मेरा मन
भंवरा बन
उनपर मंडराता है
तुम्हारे ख्यालों की
खुशबू के पीछे
मेरा मन
जाने कहाँ बौराता है
शायद
तुम होती हो कहीं
आस पास
तभी तुम्हारा अहसास
मेरे मन को
छू कर जाता है
और तुमसे
मिलने की चाहत में
मेरा मन
मुझसे दूर
कहीं चला जाता है
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