जाने कहाँ गए वो दिन
मेरी कविताओं का संग्रह ©
Tuesday, 28 August 2012
ज़िन्दगी क्या है
ज़िन्दगी क्या है
ख़्वाबों की बंदगी है
मिल जाये 'गर
तो अपना है वो
टूट जाए
तो सपना है वो
क्यूँकर गिने
कितने पल की है
ये ज़िन्दगी
क्यूँ ना
हर पल को बना दें
हम ज़िन्दगी
इतना जी लें
हर पल को
चाहत ना बचे
इक पल को
ज़िन्दगी हमसे
मोहलत मांगे
हम कहें
चलो आगे
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment