Thursday, 28 June 2012

अभिसार


चुम्बन तेरे अधरों का ...

निर्मल स्पर्श फूलों का ...

आलिंगन तेरा प्रिये ...

शीतल पवन का झोंका ...

अभिसार को आतुर मैं ...

मिल जाओ आकर...


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