Thursday 28 June 2012

मेरा महबूब मेरी बाहों में है


वक़्त से कह दो

दो पल को ठहर जाये 

मेरा महबूब मेरी बाहों में है

उसकी गर्म साँसों ने

अभी तो मुझमे जान फूंकी है

मुद्दतों से जिस पल का

इतने सिद्दत से इंतज़ार था

आज वो पल मेरी बाँहों में है

वक्त से कह दो

दो पल को ठहर जाये

मेरा महबूब मेरी बाहों में है

उसकी धड़कन से

मेरा दिल अभी तो बस धडका है

कुछ पल को उसे धड़कने दो

वक़्त से कह दो

दो पल को ठहर जाये

मेरा महबूब मेरी बाहों में है

उसके छूने से

सदियों से जमे लहू

मेरी रगों में दौड़ने लगे हैं

वक़्त से कह दो

दो पल को ठहर जाये

मेरा महबूब मेरी बाहों में है

उसके होने से मुझको 

मेरे होने का एहसास हुआ है

इस एहसास को

दो पल तो जी लूं

वक्त से कह दो

दो पल को ठहर जाये

मेरा महबूब मेरी बाहों में है

फिर ये आलम हो ना हो

मेरी साँसें

मेरे धड़कन

मेरे रगों में बहते लहू

फिर से थम जाएँ

उस से पहले

वक़्त से कह दो

दो पल को ठहर जाये

मेरा महबूब मेरी बाहों में है

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