Friday, 29 June 2012

मेरी ज़िन्दगी

मेरी ज़िन्दगी

मुझको ये बता दे

मेरी मंजिल कहाँ है

मुझे उसका पता दे

रास्ते खुद बना लूँगा मैं

बस मेरी झिझक को हटा दे

हर बाधा पार कर सकूँ मैं

मन में इतनी शक्ति जगा दे

अपनी इस जिजीविषा को पा सकूँ

तू मेरा हौसला बढ़ा दे

और अगर फिर भी

जो ना पा सकूं अपनी मंजिल को मैं

मेरे अस्तित्व को मिटा दे

No comments:

Post a Comment