ख्वाहिश है कि वो भी करें इज़हार-ए-इश्क हमसे
उनको लगा हम ने
उनसे मिलने का बहाना बनाया
इक हमने क्या किया
कि चर्चा सारे ज़माने ने किया
कहते हैं हमारे
आने की आहट वो पहचानते हैं
मुस्कराहट
खुद-ब-खुद उनके लब चूम लेती है
मेरे इंतज़ार में
रंग भरना खूब आता है उनको
वो तुम्हारे दिल
से पूछकर ही कह रहा था
शायद मेरी तकदीर
का ही है इक फ़साना
उनकी हर खुशियाँ
उनको मिले
रात तारों की
बारात में चांदनी गुनगुनाने लगी
उनकी जुदाई से हम
डरने लगे हैं
खत्म ना हो कभी जो
वो कहानी तुम हो
हमारा दिल
तुम्हारा दीवाना है
चलो मान लेते हैं
हमें मोहब्बत है
वादा निभाया तुमने मुझे जनम जनम
में पाने का
कोई क्या जाने तुम मेरे अरमान
के मंसूब बन गए
तेरी जगह तो है इस दिल के बहुत
करीब
डर है कहीं हम यूँ ही दिल ना लगाए बैठे हो उनसे
मेरे अफ़साने का ज़माने ने इतना फ़साना बनाया
गोया इश्क किसी ने अब तक नहीं ज़माने में किया
वो इस कदर बेखबर बैठे हैं हमारे हर इशारे से
होता है यूँ कि जब इश्क में डूबे होते हैं वो
यूँ मुस्कुरा कर बात टालना खूब आता है उनको
मुझे यकीं था ये दिल मेरा जो कह रहा था
तेरा ये मुस्कुराना यूँ शरमाना नज़रें झुकाना
अब तो बस ये हसरत है दिल में
साथ उनका जो मिला ख़ामोशी भी गाने लगी
दिल की उदासी का सबब ये है
मेरी जिंदगानी तुम हो मेरी रवानी तुम हो
ये किस्सा तो सदियों पुराना है
अंत नहीं इस इज़हार-ए-इश्क का
शुक्रिया तुम्हारा ए दोस्त मेरी जिंदगी में आने का
तुम मेरी जिंदगी में आकर मेरे महबूब बन गए
यूँ शुक्रिया मेहरबानी ना कह मेरे अज़ीज़
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