Saturday 6 October 2012

जब तुम नहीं थे


सोचता हूँ कभी कभी

जब तुम नहीं थे

तुम क्यूँ नहीं थे

होना तो था ही तुम्हें

जब मिलना तुमसे लिखा हुआ था

शायद

मिलने की घड़ी अभी थी

इसलिए तुम तब नहीं थी 

1 comment:

  1. बहुत ही कोमलता से लिखे गये शब्द! खूबसूरत!

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