जाने कहाँ गए वो दिन
मेरी कविताओं का संग्रह ©
Saturday, 6 October 2012
दिल से ...
यूँ तेरा आना
नज़रें झुकाना
और दिल पे छा जाना
तुम्हारी मुस्कान
मेरी बरकत
मेरा जहान
तपती धूप
तुम्हारा साया
मन हरसाया
तुम सावन
बरसा नेह
भींगे हम
भोर का सूरज
लाली उसकी
सिन्दूर तुम्हारा
1 comment:
वसुन्धरा पाण्डेय
18 October 2012 at 18:42
आपके शब्दों में ताजगी है और देसी मिठास भी।
बधाई..!!
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आपके शब्दों में ताजगी है और देसी मिठास भी।
ReplyDeleteबधाई..!!