Intro (संगीत से पहले — फुसफुसाते से स्वर में या बहुत नर्म सुर में)
"कभी-कभी, कुछ मुलाकातें...
यूँ ही बेवजह दिल के सबसे प्यारे कोने में घर बना लेती हैं।
ना कोई वादा होता है, ना कोई कसक...
बस एक मासूम सी ख़ुशबू छोड़ जाती हैं —
हमारी पहली मोहब्बत की तरह..."
इसके बाद धीमा संगीत उठता है और गीत शुरू होता है:
"जब हम तुम मिले थे"
(धीमी धुन पर)
जब हम तुम मिले थे,
छोटी-छोटी ख्वाहिशें थीं,
हवाओं में गुम होते अरमान थे,
बचपन सी मासूम फ़रमाइशें थीं।
चाँद को छूने की जिद थी,
बारिश में भीगने की ख्वाहिश,
तितली के पीछे भागते थे हम,
हँसी में बसती थी हर एक दुआ।
(धीमी लेकिन मुस्कुराती हुई धुन पर)
दिल की गलियों में,
चुपके से ख्वाब सजते थे,
तेरी एक झलक पे,
सदियों के सफर कटते थे।
ना कोई वादा, ना कसमें थीं,
बस आंखों में सपनों की बारिशें थीं,
छोटी छोटी बातों में खुशियाँ थीं,
तेरी एक मुस्कान में सारी कायनात थी।
(सॉफ्ट कोरस)
ओ मासूम प्यार के वो दिन,
ओ पहली धड़कन की वो रैन,
तू साथ था तो हर पल था चाँदनी,
तेरे बिना भी थी तेरी महक कहीं।
(ब्रिज — थोड़ा भावुक मोड़)
अब भी कभी जब पलट कर देखूँ,
तेरी हँसी कहीं हवाओं में बिखरती है,
छुप-छुप के दिल फिर से चाहता है,
वो पहली मोहब्बत फिर से जी लेना।
(धीरे-धीरे fade out)
जब हम तुम मिले थे...
छोटी-छोटी ख्वाहिशें थीं...
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