Friday, 25 April 2025

ओ हसीं हमसफ़र

 ज़िंदगी के ओ हसीं हमसफ़र,

तेरी धड़कनों में बसी तकदीर हमारी

तेरे लबों की मुस्कान जैसे बहार मुस्कुराई

खिल उठे सारे जज़्बात, महक उठे फिज़ाएं सारी


तेरी आँखों की गहराई में खो जाऊँ पल-पल,

मेरे ख़्वाब बुनते मेरी ख्वाहिशें हर पल

तेरे संग बीते लम्हों की ये मीठी रवानी,

लिख दे तेरे मेरे इश्क़ की अनकही कहानी।


ज़िंदगी के ओ हसीं हमसफर,

तेरे बिना अधूरी थी ये डगर।

तेरी हँसी में है जादू सा कुछ,

जो हर ग़म को कर दे बेअसर।


तेरे साथ हर लम्हा लगे जैसे ख्वाब,

तेरे बिना सब कुछ लगे बेहिसाब।

तू जो मिले तो मिल जाए जहां,

तेरे प्यार में बस जाए मेरी जान।

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