Monday 31 December 2012

कुछ ख्याल दिल से ....


मेरे दिल की उन धडकनों का हिसाब दो मुझे 
जो तुम्हें देख कर बेसबब धड़क गया था वो 

क्यूँ हसरतों के दायरे में सिमट कर रहें हम 
जो दिल में है हमारे अपनी जुबां से कहें हम

जब से तुम इस बदन में जान बन कर आई हो 
तन मन से होकर तुम मेरे दिल में समाई हो 

झीने लिबास में से चमकता है तुम्हारा चांदी सा बदन 
देखने को जी करता है कैसा है मेरा सुन्दर सा सजन

उनको नशा है मेरी मोहब्बत का 
पर वो कहते हैं उन्होंने पी ली है

अरमानों को अपने हमने सौंपा था तुम्हें 
कहीं तुमने उन्हें नीलाम तो नहीं कर दिया 

वो कहते हैं मेरी बातों से संगीत बज उठता है उनके मन में 
और मेरे अहसास अक्सर लगा देते हैं आग उनके बदन में 

वो कहते हैं मेरी बातों से संगीत बज उठता है उनके मन में 
मेरे अहसास अक्सर जगा देते हैं मीठी तान उनके बदन में 

हमें करके गिरफ्तार अपने हुस्न की जंजीरों से 
वो देखते हैं तमाशा अपने दिल के झरोंखों से 

अभी आते हैं यह कह कर गये वो हमें इंतज़ार में यूँ बिठा कर
कि वस्ल-ए-यार के इंतज़ार में हम बैठे रहे सब कुछ गंवा कर 

इक रात की बात है मेरे ख़्वाबों में मिल जाओ न तुम आकर 
मैंने तो ये जिंदगी काटी है इस इंतज़ार में कई रातें जाग कर

हाल-ए-दिल उनको सुनाने की तमन्ना में जागा किये हम रात भर 
उनकी बेखुदी का भी क्या आलम है कि वो मेरे हाल से हैं बेखबर 

आज तुम मेरी चाँद बन जाओ ठहरो आसमां से मैं तुम्हे मांग कर लाता हूँ 
तुम चांदनी में नहाकर आओ फिर मैं सितारों से तुम्हारी मांग सजाता हूँ

उनके रुखसार पर इक मुस्कराहट को जां निसार कर दूं 
वो कहें तो उनकी जिंदगी में अपने प्यार का रंग भर दूं 

इक तेरे होने से मुझे मेरा होना भाता है 
तेरे बिना तो अब जिया ही नहीं जाता है 

आपने हसरतों में अपने हमें अगर थोड़ी सी जगह दी होती 
हमने भी इन हसरतों में अपनी चाहतों से रंग भर दी होती 

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