नयनों से अपने
मृगनयनी हो तुम
काया से अपनी
कामिनी हो तुम
केश से अपने
यामिनी हो तुम
रूप से अपनी
पद्मिनी हो तुम
कंचन काया की
स्वामिनी हो तुम
जीवन गीत की
रागिनी हो तुम
मन वीणा की
तरंगिनी हो तुम
चपलता से अपनी
सौदामिनी हो तुम
वैतरणी पार कराये
वो गामिनी हो तुम
प्रेम हिमाला से बहने वाली
मंदाकिनी हो तुम
सूरत से अपनी
मोहिनी हो तुम
फितरत से अपनी
चित चोरनी हो तुम
मतवाली चाल से
हंसिनी हो तुम
रौशनी से अपनी
चांदनी हो तुम
प्रेम में मेरे
अंक शायनी हो तुम
ईश्वर कृपा से
मेरी संगिनी हो तुम
मृगनयनी हो तुम
काया से अपनी
कामिनी हो तुम
केश से अपने
यामिनी हो तुम
रूप से अपनी
पद्मिनी हो तुम
कंचन काया की
स्वामिनी हो तुम
जीवन गीत की
रागिनी हो तुम
मन वीणा की
तरंगिनी हो तुम
चपलता से अपनी
सौदामिनी हो तुम
वैतरणी पार कराये
वो गामिनी हो तुम
प्रेम हिमाला से बहने वाली
मंदाकिनी हो तुम
सूरत से अपनी
मोहिनी हो तुम
फितरत से अपनी
चित चोरनी हो तुम
मतवाली चाल से
हंसिनी हो तुम
रौशनी से अपनी
चांदनी हो तुम
प्रेम में मेरे
अंक शायनी हो तुम
ईश्वर कृपा से
मेरी संगिनी हो तुम
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