Monday 31 December 2012

मृगनयनी

नयनों से अपने

मृगनयनी हो तुम

काया से अपनी

कामिनी हो तुम

केश से अपने

यामिनी हो तुम

रूप से अपनी

पद्मिनी हो तुम

कंचन काया की

स्वामिनी हो तुम

जीवन गीत की

रागिनी हो तुम

मन वीणा की

तरंगिनी हो तुम

चपलता से अपनी

सौदामिनी हो तुम

वैतरणी पार कराये

वो गामिनी हो तुम

प्रेम हिमाला से बहने वाली

मंदाकिनी हो तुम

सूरत से अपनी

मोहिनी हो तुम

फितरत से अपनी

चित चोरनी हो तुम

मतवाली चाल से

हंसिनी हो तुम

रौशनी से अपनी

चांदनी हो तुम

प्रेम में मेरे

अंक शायनी हो तुम

ईश्वर कृपा से

मेरी संगिनी हो तुम




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