दिल तड़पा है मेरा सदियों
इस एक घड़ी के आने को
जब आई है मिलन की बेला
मुझको खुद में खो जाने दो
घड़ी मिलन की ढल ना जाए
सोये अहसासों को जगाने दो
अपने अधरों के दो प्यालों से
मधुरस आज छलक जाने दो
मादक नैनों की मदिरा पीकर
मुझको आज बहक जाने दो
आओ आलिंगन में तुमको भर लूं
अतृप्त मन की प्यास बुझाने दो
दिल की मुझको परवाह नहीं है
धडकनों को बिखर जाने दो
इन साँसों की खुशबू में खोकर
अब होश मेरे उड़ जाने दो
मन उलझा है तन उलझा है
साँसों को भी उलझाने दो
अब दूरी कोई सही ना जाए
अपनी हस्ती पिघल जाने दो
आज मिलन की इस रैना में
अब जो होता है हो जाने दो
इस एक घड़ी के आने को
जब आई है मिलन की बेला
मुझको खुद में खो जाने दो
घड़ी मिलन की ढल ना जाए
सोये अहसासों को जगाने दो
अपने अधरों के दो प्यालों से
मधुरस आज छलक जाने दो
मादक नैनों की मदिरा पीकर
मुझको आज बहक जाने दो
आओ आलिंगन में तुमको भर लूं
अतृप्त मन की प्यास बुझाने दो
दिल की मुझको परवाह नहीं है
धडकनों को बिखर जाने दो
इन साँसों की खुशबू में खोकर
अब होश मेरे उड़ जाने दो
मन उलझा है तन उलझा है
साँसों को भी उलझाने दो
अब दूरी कोई सही ना जाए
अपनी हस्ती पिघल जाने दो
आज मिलन की इस रैना में
अब जो होता है हो जाने दो
wah !!
ReplyDeleteनाजुक अहसासों की खुशबू समेटी एक उम्दा रचना!!!!
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