मेरे इक दर्द पर
कल सैकड़ों आंसू
बह निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
मेरे दर्द से रोने वाले
सब मेरे ही अपने निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
मैं सोचता था
सब सुख के साथी हैं
पर दुःख में भी
सब साथ निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
ज़िन्दगी की राह पर
आये गए कितने मेले
पर जो अपने थे
सब अपने निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
कोई गम नहीं मुझे ज़माने का
कोई याद करे चाहे भूले
जो साथ चले
सब अपने निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
कल सैकड़ों आंसू
बह निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
मेरे दर्द से रोने वाले
सब मेरे ही अपने निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
मैं सोचता था
सब सुख के साथी हैं
पर दुःख में भी
सब साथ निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
ज़िन्दगी की राह पर
आये गए कितने मेले
पर जो अपने थे
सब अपने निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
कोई गम नहीं मुझे ज़माने का
कोई याद करे चाहे भूले
जो साथ चले
सब अपने निकले
कौन कहता है यहाँ
मैं अकेला हूँ
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