Wednesday 7 November 2012

कौन कहता है मैं अकेला हूँ

मेरे इक दर्द पर

कल सैकड़ों आंसू

बह निकले

कौन कहता है यहाँ

मैं अकेला हूँ

मेरे दर्द से रोने वाले

सब मेरे ही अपने निकले

कौन कहता है यहाँ

मैं अकेला हूँ

मैं सोचता था

सब सुख के  साथी हैं

पर दुःख में भी

सब साथ निकले

कौन कहता है यहाँ

मैं अकेला हूँ

ज़िन्दगी की राह पर

आये गए कितने मेले

पर जो अपने थे

सब अपने निकले

कौन कहता है यहाँ

मैं अकेला हूँ

कोई गम नहीं मुझे ज़माने का

कोई याद करे चाहे भूले

जो साथ चले

सब अपने निकले

कौन कहता है यहाँ

मैं अकेला हूँ



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