Friday 9 November 2012

तुम

मेरा अखंड अभिमान हो तुम

मेरे मन का अरमान हो तुम

मेरे सपनों की उड़ान हो तुम

मेरे अरुण का आसमान हो तुम


मेरे हृदय का सम्मान हो तुम

मेरे भूत का वर्तमान हो तुम

मेरे प्रणय विनय का मान हो तुम

मेरे अनंत प्रेम का परिमान हो तुम


मेरे जीवन का अधिमान हो तुम

मेरी साँसों की पहचान हो तुम

मेरे शरीर का प्राण हो तुम

मेरे अस्तित्व का प्रमाण हो तुम


मेरे लिए ईश्वर का वरदान हो तुम

निश्छल निःस्वार्थ प्रेम का प्रतिमान हो तुम

मेरे हर पल की मुस्कान हो तुम

निज गुण से कितनी अनजान हो तुम






1 comment:

  1. khoosurat shabdon aur bhavon se nawazi gayi rachna ke liye bahut badhai

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